MANAV ADHIKAR HUMAN RIGHTS NEWS HINDI NEWS OPTIONS

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अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत यातना देने पर प्रतिबंध है। हर व्यक्ति यातना न सहने से स्वतंत्र है।

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डेली न्यूज़, एडिटोरियल और प्रिलिम्स फैक्ट

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एक साथ मानव अधिकारों के विशिष्ट मुद्दों को उजागर करने के लिए सहयोग और चर्चा करना।

इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आयोग में नियमित अध्यक्ष के न होने के चलते क्या दुर्गति हो गई है। गौरतलब है कि मानव अधिकार आयोग राज्य में होने वाले तमाम मानव अधिकार के उल्लंघन के मामलों पर सुध लेता है। इन मामलों में अंतरिम राहत प्रदान करना मुआवजा या हर्जाना देने की अनुशंसा या सिफारिश करना शामिल होता है। वर्तमान में मानव अधिकार आयोग में एक सदस्य मनोहर ममतानी हैं जो कार्यवाहक अध्यक्ष बनकर कामकाज निपटा रहे हैं।

यह पीड़ित व्यक्ति को क्षतिपूर्ति या नुकसान के भुगतान के लिए संबंधित सरकार या प्राधिकरण से सिफारिश कर सकता है या दोषी लोक सेवक के विरुद्ध बंदीकरण हेतु कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए संबंधित सरकार या प्राधिकरण से सिफारिश कर सकता है । किंतु यह उल्लेखनीय है कि आयोग का कार्य विशुद्ध रूप से सलाहकारी प्रकृति का है । इसे मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को सजा देने का कोई अधिकार नहीं है तथा यह पीड़ित व्यक्ति को अपनी ओर से कोई सहायता या मुआवजा भी नहीं दे सकता है । यह भी ध्यातव्य है कि आयोग की सलाह को मानने के लिये राज्य सरकार website या कोई अन्य प्राधिकारी बाध्य नही हैं । लेकिन आयोग द्वारा दी गयी किसी सलाह के बारे में क्या कदम उठाया गया है, इस बारे में आयोग को एक माह के भीतर सूचना देना अनिवार्य है ।

भारत में मानवाधिकार की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसके सभी राज्यों में मानव अधिकार आयोग का गठन अनिवार्य हैं.

गुलामी और दास प्रथा पर क़ानूनी रोक है। हालांकि यह अभी भी दुनिया के कुछ हिस्सों में इसका अवैध रूप से पालन किया जा रहा है।

सरकार में और नि: शुल्क चुनावों में भाग लेने का अधिकार

चूंकि मानव अधिकार के प्रति उपेक्षा और घ्रणा के कारण हुए बर्बर कार्यों के कारण मनुष्य की आत्मा पर अत्याचार हुए हैं.

टेस्ट सीरीज़ यू.पी.एस.सी प्रिलिम्स टेस्ट सीरीज़

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